हरयाणवी पहेलिया


1.छोटी सी छोरी , रामदेई ना चढ़ गी चोबारे , पाई-ए ना !

2. रघा चाले रघ -रघ , तीन मुंडी दस पग  !

3. एक सींग की गा, घाले उतना ए खा  !

4.आरड- मर्ड की लाकडी , अर्डाटा ठान्दी जा , राजा बुझे रानी नु , यो के जनावर जा  !

5.हरी थी वा भरी थी , राजा जी के बाग में , दुशाला ओडे खड़ी थी !

6.चार झोट्टी , गल जोट्टी, तडके-ए तड़क , जोहड़ में जा लोटी !

7.दबी जावे , दबी आवे , घरां आण के , मुंह बावे !

8.मेरी जड़आँ में पानी, मेरे सर पे आग, में घूमू चारुं ओड, मेरे लोग रहे लाग !

9.साड़ी रात अडावे, तडके-ए काढ बगावे!

10.लाल लाल घाघरा , हरी हरी टोपी , रावले म जाती न ठाकुर साब कुटी !

11. आड़ी चालू, टेडी चालू, चालू कमर कस !! जल्दी से नाम बताओ, मिलेगी तुमको ताली बस !!

12. दो माँ बेटी, दो माँ बेटी , चाली बाग़ में जाँ, तीन निम्बू तोड़ कें , साबत -साबत खाँ  !

13.गोलमोल गोलमोल पोरी पोरी रस , बता त बता न रपिये लूँगा दस !

14. तीतर के आगे दो तीतर , तीतर के पाछे दो तीतर , बताओ कितने तीतर  !

15. चार मण के चार पाये, चालीस मण की खाट, अस्सी मण का कोठड़ा, सौ मण का जाट  !

16. पंछी उड़े आकाश मगर कित रहैं

17. आठ पगारी ऊंटडी, और पीठ पाछै पूंछडी  !

18. अंत कटे तो बनता कोआ, आदि कटे तो हाथी , मध्य काटकर काज बनालो , मैं हूँ सबका साथी  !

19. राजा के राज मै ना , माली के बाग़ मै ना, तोलै तो शेर ना , खावै तो गुठली ना !

20. काला बलध कलासिया, महल तले के जा , बारा नाथ घाल ली , फेर भी अरडान्दा जा  !

21. बेठा साल में , पाँ पसारे गाल में !

22. सारे घर माँ के हंडआवे , पड़ी रह तो बाल खींडआवे !

23. खाली जावे , भर्या आवे  !

24. ऊंचे टिल्ले मेंहस अर्डावे, उसका काढ्या सब्कोये खावे  !

25. या गयी , या आई, एर तेरे धोरे-ए बताई  !

26. छोटी सी लुटिया , कोड़ियाँ की भरी  !

27. राह मै पड़ी जंजीर, क्यूकर ठाऊँ मेरे बीर !

28. अंगी -बांगी लाकडी , राह में जा पड़ी | कोए ना उन्हें ठावे | माडी वार में सूख जावे

29. चीकणी तलवार , भींत के दे मार !

30. कटोरै मैं कटोरा , छोरा बाप तैं बी गौरा !

31. एक खड़ी , एक पड़ी एक पै चालै गिरड़ी  !

32. चार खड़ी, चार पड़ी , दो-दो, एक-एक , में जुडी |

33.मै हूँ एक फकीर , मेरै पेट पै लकीर , आऊं सूँ मै खाण कै काम, मेरै बिन जीणा नहीं आसान !

34. में छोट्टा , तू कोड बड्डा , मानने चुम्या , तू रो पड़्या!

35.घाम लगै तो पैदा होज्या , छायाँ मै यो मरज्या काम करै तो बी उपजै , हवा लगै तो मरज्या !

36. सरपट दोडै हाथ ना आवै , घंटा उसका नाम बतावै  !

37. धौली प्लेट मै काला रसगुल्ला !

38.छोटा सा छोरा , कित जा गा ? --ताऊ आले खेत | के खा गा ? -- बालू रेत  !

39. जोहड़ माँ ते लिकड़ा भड्रक- भू , चार पाच्छे एक मुह !

40.काला सूँ में काला सूँ , काले जंगल में रहूँ सूँ, लाल पांणी पीऊँ सूँ , धोल्ले अंडे दूं सूँ !

41.बड़ रे बड़, तेरी पाणी में जड़, तेरी चोटि में आग , तेरे लोग रहे लाग !

42. प्यार करूँ तो घर चमका दयूं, वार करूँ तो ले ल्यूं जान , जंगल मैं मंगल कर दयूं , कदे कर दयूं मैं गाम बिरान !

43. एक चीज गजब की देखी , जिन्दै मैं तैं मुरदा लिकडै , अर मुरदै मै तैं जिन्दा  !

44. मैं एक छोटी सी छोरी , सबकै साथ मैं रोटी खाऊं, कोए मैंने ना रोक सकै , ना ए मैं शरमाऊं  !

45. पीली सूँ ,में पीली सूँ , माटी के बिल में रहू सूँ , बालकां के डले सहूँ सूँ , ना तो डस लूंगी कहूं सूँ!

46. सरसोली तें चाल्या , माथोली पे आया , च्यूंटकोली में पकड्या गया , हाथोली में मार्या |

47. एक नारी इस्सी देखि , जो गोली खावे | जिह पे भी थूके, वो-ए मर जावे |

48. तेरा भी वो मामा , मेरा भी वो मामा, मामा का भी वो मामा, यो रिश्ता कुकर जम्या|

49. में आई थी लेवण, तू लाग री थी देवण, जा तन्ने दे ली हो तो , में ले जाऊं  !

50. रात नु जा लुके , दिन में लिक्डावे, कती ना पेंडा छोड़े , गेल्याँ चाले जावे |

51. उप्पर तें गल घोट्या, तले तें दो मुंह छोटा,

52. चोमशे में अर्ड-मर्ड, ना में डांगर, ना में भरड!

53. पांणी तें में भर्या, आसमान में ,में तर्या , जित चाहूँ ,उड़ जाऊं , दुनिया की तष बुझाऊँ |

54. सौ दांदा का जाबडा, पर कदे ना चबाऊँ में | फेर भी घिस जावीं तो , नए कढ़वाऊँ में |

55. अरड - मरअड़ की लाकडी , आरडाटा ठाआँदी आवे| जिह पे भी जा पड़े , उहे का जी काढ बगावे |

56.बिसियाँ के सर काट दिए , ना मारया ना खून करया  !

57. जो मेरा स नाम, वो-ए मेरे बेटे का नाम , जा तू बता दे, बनज्यां सारे काम |

58. एक बलांध का मेरा शारीर, भीतर भरी घनी तक़रीर  !

59. उप्पर तें लट्ठ पड्या, भीतर तें चिडपड्या  !

60. नाचूं में हो के मगन, सर पे मेरे धरया ताज , पायां नु देखूं रो पडूँ, के स इहका राज  !

61. बीस मंजिल का भवन खडया, सर पे हरया ताज धरया  !

62. जाड्डयाँ में मोटी, गर्मियां में माड़ी, घेटी तलां कर कें, कट्ठी चालें सारी  !

63.चार बांह ,एक शरीर , लागे जब होवे पीड |

64.राम दिया शाप, आँख गई फूट , काणा होया आप, कनाग्तां मचावे लूट!

65. पतला सूँ, जब चोटी बधाऊँ, करडा होज्याँ , जा सो जाऊं , खट्टा हो ज्यां ,जब घर-घर मांग्या जाऊं |

66. जाड्डयाँ में जड़ाई मरी, गर्मियां में लुको धरी |

67. एक जानवर इस्सा देख्या, जिह के पेट में तेल , चोटी में लागरी आग, अन्धेरा होर्या रेल  !

68.सिद्धा - खब्बा डोलूं, तेरी नक़ल कर बोलूं  !

69. हांडी सा सर मेरा, कुडता पहरावे जेठ , एक टांग पे शरीर मेरा , वो भी बिना पेट !

70. कदे ना बडूं, चाहे सामण , चाहे जेठ , पर में लिकडू, जब आवे जेठ!

71. महारा जोड़ा बड़ा कसूत, हलुआ ,भार्या नु देवे कूट |

72. तीन भाण भाई , कट्ठे करें जुताई , ना कोए साला साली , रुखाला उनका हाली  !

73. लटकमलोरी ---लटकमलोरी, कड के उप्पर धारें छोरी  !

74. गाभरू ने में छेड़ूँ ना , बालक मेरा भाई , बुड्ढे नु में छोडूँ ना , चाहे ओढ़ ले रजाई |

75. ना खाऊँ ,ना खावण द्यूं, एर ना मुंह बावण !

76. नाण दे जिन्दगी , नाण दे मोत, एक हफ्ते का जीवन , बताओ ताव्ले ,वार होगी भोत |

77. हजार पायां का शरीर , ना धारूँ कोए चीर , लोग मेरा काला भुंडा, पाछे ला राख्या लाल्टनिया टुंडा |

78. जिन्दगी मेरी काठ , खसम मेरा जाट  !

79. मेरा नाम, मेरे बाप का नाम, दादा,परदादा का भी , नाम एक समान  !

80. बाजू सूँ , ना में ढोल , गाऊँ सूँ , ना कोए मोल , बालक बुड्डयाँ का में प्यारा ना में बिन्जो , ना इकतारा |

81. बेठेक मेरी आली , में सूँ चम्भो चाली , बत्तीस मेरे रुखाले , ना भाई , ना साले !

82. ना भाला ना तीर , लाग्ज्या तो घा करे गंभीर!

83. हाम सां कई हजार , एक महारा सरदार , दिन में हामने डर लागे , रात नु लिकड़आँ बाहर |

84. बारा मण की धोबन्न, गाणा गन्दी जावे , एक रपिया गेर दे , ठोड-ए मुंह बावे  !

85. बादल ने जनम दिया , जब बरस्या मींह , लाल दामन पहर्या उप्पर बेठी ,ढीह |

86. सीढ़ी जिस्सी मेरी राही , ना में कीड़ा ,ना में गिजाई |

87. छोटा सूँ में , छोटा सूँ पर सूँ बड़े काम का , में ना होऊं तो , फेर के काम दाम का |

88. सर पे मेरे सरकंडे , हजार द्यूं अंडे  !

89. जब में चढ़ी ,तो तू आई , एक थां हांसी, एक थां रोई लुगाई |

90. छोटा सा छोरा, पेट रह्या पाट, जिह के भी होया, ऊह के होगे ठाठ!

91. धोली घोड़ी लाल लगाम, उप्पर बेठा शालिग्राम !

92. जड़आँ में तेल , माथे फूल , तीन बट खाई , रही थी झूल  !

93. उप्पर चढ़ तू पाँ मारे, मेरे बिना ना सधती थारे  !

94. रेत की चादर , उप्पर बेला , गुरु बुझे , बता रे चेला!

95. हर्या घाघरा , पिली चोली , जवान होई , मंडी जा तुली!

96. हरी परी , बीटोड़े पे धरी , घरां आ के , बणी तरकारी !

97. तीन पगारी छन्नो राणी , खावै लाक्कड़ काढै पाणी  !

98. छोटी सी छोरी , सबकी जाणी , खावै रोटी , ना पीवै पाणी  !

99. दो बे फुले , एक बे फले , चुगे पाछे , चूल्हे में जले!

100. तू होया तो में फोड़ी थी , गीत गावण आली जोड़ी थी !

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