Wednesday 22 May 2013

हरयाणवी भाषा मुहावरे और लोकोक्तियां


ट, ठ

  • टांग लम्बी धड छोटा वो ही आदमी खोटा
  • ठाल्ली बैठे, नूण कै मांह हाथ
  • ठाल्ली डूम ठिकाणा ढूंढ़ै....ठाल्ली नान काटङे मूनडे
  • ठाढे की बहू सबकी दादी, माड़े की बहू सबकी भाभी (गरीब की जोरू सबकी भाभी)

ड, ढ

  • डंडा सी पूंछ, भदाणी का राह (एकदम सीधा रास्ता)
  • ढ़ेढ नै ढेढ गंगा जी के घाट पै टोह ले
  • ढूंढ में गधा लखावै - जिसकी छोटी आँख हो
  • ठाढा मारै ... रोवण दे ना, खाट खोस ले ... सोवण दे ना (Might Is Right, or The Survival of the Fittest)

त, थ

  • तडके का मीह अर्र साँझ का बटेऊ टल्ल्या नही करते
  • तन का उजला मन का काळा, बुगले जिसा भेस - इसां तैं तै भाई काग भला बाहर भीतर एक
  • तीन पाव की 3 पोई, सवा सेर का एक । तन्नै पूत्ते 3 खाई, मन्नै चिन्दिया एक ।। (This one told by ladies)
  • तीतर पांखी बादळी, दोफाहरे के पणिहार - खातिण चाल्ली इंधण नै, तीनूं नहीं भलार
  • तेरे चीचड़ ना टूटैं म्हारे तैं (Means – “we are unable to serve you”)
  • तेरे जामे होड़ तै इसै पाहया चालैंगे (means- Good for nothing)
  • थोथा चना बाजे घना

द, ध

  • दानी काल परखियो, गाय नै फागण-माह - बहू नै जिब परखियो जिब धाँस पल्लै ना (He who helps in need is great. A cow which gives an offsping in winter month, is best because it would lactate even in summer months. A woman is judged when you have no money)
  • दांतले खसम का ना रोये का बेरा पाटै, ना हांसते का !
  • दूसरे की थाळी में लाडू बड्डे ए दीख्या करैं
  • दूसरे की सौड़ में सोवै, वो फद्दू कहावै
  • दो पैसे की हांडी गई, कुत्ते की जात पिछाणी गई
  • दुबली नै दो षाढ़--Sunitahooda 00:29, 3 February 2009 (EST)
  • दो िदन की मुसलमानी अळलाह-अळलाह पुकाऱै
  • दही के भुळामै कपास खा ज्ञाणा - To take some action without judging the underlying risk and danger.
  • दुध आली की तो लात भी उट जाया करे

  • नहर तले का अर्र सहर तले का मानस खतरनाक हो सै
  • नई-नई मुसलमाननी अल्लाह-अल्लाह पुकारै
  • न्यूं बावळा सा हांडै सै जणूं बिगड़े ब्याह में नाई
  • नानी फंड करै, धेवता डंड भरै (someone does the mischief and punishment goes to someone else)
  • नाइयों की बारात में सारे ठाकर हुक्का कौन भरै ?
  • नाई-के-रै-नाई-के मेरे बाल कोड़ोड़ - जजमान, तेरै आगै-ए ना आ-ज्यांगे
  • नीम पै तै निम्बोळी ए लागैंगी

प, फ

  • पग पग पै बाजरा, मींडक कूदणी जवार - न्यूं बोवै जब कोए, घर का भरै भंडार (Related to agriculture)
  • पत्थर का बाट - जितने बै तोलो, घाट-ए-घाट
  • पकड़ण का ढ़ंग नहीं अर मारण की साई ले रहा !
  • पानी में पादै, और बुलबुले ना ऊठैं !
  • पाटडा चडतेहे रांड होगी
  • पैंट की क्रीज खराब ना होण देता - और घर में मूस्से कुल्लाबात्ती करैं
  • पुलिस के पीटे का आर चमस्सेय के रेह्पटे का के बुरा मानना
  • पूत के पांव पालणे में ऐं दीख ज्याया करैं
  • फूहड़ चालै सारा घऱ हालै
  • पैसा नहीं पास मेला लगे उदास........
  • फूहड़ के तीन काम हगे, समेटे अर गेरन जा..........
  • फूफा कहे त कोए फुकनी ना दे ' अर काका कहे ते कोई काकडी ना दे.....

ब, भ

  • बकरी दूध तै दे.. पर मींगण कर-कै
  • बकरा अपनी जान तैं गया, खाण आळे नै स्वाद भी ना आया
  • बटेऊ खांड-मांडे खा, कुतिया की जीभ जळै
  • बढिया मिल गया तो म्हारी के भाग ना तो मरियो नाई बाह्मन (पुराने टेम मे नाई और ब्राह्मन ही रिश्ते करवते थे)
  • बहू तै सुथरी सै, पर काणी सै ..औ
  • बहुआं हाथ चोर मरावै, चोर बहू का भाई
  • ब्याहली आंवते ही सासू मत बणिये !
  • बोहड़िया का भाई, गाम का साळा
  • बहू आई रीमो-झीमो, बहू आई स्याणी भोत - आवतीं-हें न्यारी हो-गी, पाथणे ना आवैं चौथ !
  • ब्याह में गाये गीत सारे साची ना होते
  • बाप नै ना मारी मींडकी, बेटा तीरंदाज
  • बेर खावै गादड़ी, ड़ंडे खावै रीझ
  • बांदरां के बीच में गुड़ की भेल्ली
  • बावळा चालै तो चाल्या-ए जा
  • बावला या तो गाम जावे ना, जावे तो फेर आवे ना
  • बावळी गादड़ी के पकड़े कान - ना छोडे जां, ना पकड़े राखे जां
  • बारह बरस में तो कुरड़ी के भी भाग बाहवड़ आया करैं
  • बिटोड़े में तै गोस्से ए लिकड़ैंगे
  • बिन फेरयां का खसम ....
  • बुलध ना ब्यावै तै के बूढ़ा-ए ना हो ?
  • बूढ़ा मरो चाहे जवान, हत्या-सेती काम
  • लखमीचंद ने कहा – बुलहद सींग का, मरद लंगोट का - बाऊ नाई का जवाब – बुलहद काँध का, मरद जुबान का !
  • बेईमान की रुखाळ और आँख में बाळ - दोनूं करड़े काम सैं
  • बोवो गेहूं काट कपास, ना हो डळा ना हो घास (Related to agriculture)
  • बिली ढूध की रुखाली
  • भांग मांगै भूगड़ा, सुल्फा मांगै घी - दारू मांगै खोंसड़ा (जूता), थारी खुशी पड़ै तै पी
  • भीड़ मै डळा फद्दू कै-ए लाग्या करै
  • “भुस में आग ला कै दमालो दूर खड़ी”
  • भूखे की बाहवड़ जाया करै पर झूठे की ना बाहवड़्या करती
  • भूआ जाऊं-जाऊं करै थी, फूफा लेण आ-ग्या !
  • भोई-रै भोई, तन्नै रही-सही भी खोई
  • भोळा बूझै भोळी नै – के रांधैगी होळी नै - मोठ बाजरा सब दिन रन्धैं सक्कर चावळ होळी नै (On the occasion of Holi festival)
  • भैंस आपणे रंग नै ना देखै, छतरी नै देख कै बिधकै
  • भादवे का घाम अर साझे का काम देहि तोडा करे (bhadva i.e desi calender month)
  • भीत में आला अर, घर में साला ठीक ना होते

  • मर-गी रांड खटाई बिना ! (To demand exceptional items)
  • मंगळ करै दंगळ, बुध बिछोह हो, जुमे रात( वीरवार) की खीर खा कै, जुमे(शुकरवार) को जाणा हो
  • मारते माणस का हाथ पकड़ ले...बोलते की जुबान ना पकड़ी जा
  • मार कै भाग ज्या, अर खा कै सो ज्या - कोई ना पकड़ सकै
  • मार पाछै किसी पुकार
  • मरोड़ मैं तै करोड़ लागैंगे
  • मति मारी जाट की, रांघड़ राख्या हाळी - वो उसनै काम कहै, वो दे उसनै गाळी The Jat has acted foolishly by keeping a ranghar (notorious member of society) as his farm worker, each time he tells him to work, the ranghar retorts by abuses.
  • मींह में मूसळ का के भीजै सै
  • मूसे नै पा-गी हल्दी की गांठ - पंसारी ए बण बैठ्या
  • मूसे नै पा-गी खाकी कात्तर, वो-ए थाणेदार बण बैठ्या
  • मूसे नै पा-ग्या सूआ, डाक्टर-ए बण बैठ्या
  • मूंगफली ऊपर पानी पी ल्यो, खांसी हो ज्यागी - काणे गैल्यां ब्याह कर ल्यो, हांसी हो ज्यागी
  • मां तै तरसै चौथी-चौथी नै, बेटी बिटौड़े के बिटौड़े बक्शै
  • मान ले तो आपकी भी, ना मानै तो बाप की भी
  • मां पै पूत पिता पै घोड़ा, घणा नहीं तै थोड़ा-थोड़ा
  • मुल्ला की दौड़ मसिजद ताही
  • मीठे के लोभ में जम के गेर दिए
  • महकार कुन्धरे जितनी भी कोना नाम धरवालिया गुलाबो.महकार (Fragrance),कुन्धरे(kind of veg.)
  • माँ री मामा आया, बोला भाई तो मेरा ए ना है
  • मिन्द्की क जुखाम होना

  • या जुबान तो कह के भीतर बड जा फेर यु चाम बाहर पिटू जा
  • यौवन लुगाई का बीस या तीस और बैल चलै नौ साल - मरद और घौड़ा कदे हो ना बूढ़ा, जै मिलता रहवै माल (खुराक) (Youth of a woman is 20 or 30, the ox remain active till 9 years, but man and horse, if given good diet, never get old)

  • रांड तै रंडापा काट ले, रंडवे काटण दें जिब ना
  • रांड तै वा हो सै जिसके मर-ज्यां भाई - खसम तै और-ऐ ना कर ले !
  • रोता-सा जा, मरयां की खबर ल्यावै
  • राम उसका भला करै, जो अपणा काम आप करै
  • रै नाई-के, मेरे बाल कितने बड्डे सैं? - यजमान, ईब तेरै आगै-ए आ ज्यांगे !
  • रूप रोवै, करम खावै

  • लीपण का ना पोतण का, गू कुत्त्यां का !
  • लोभ लाग़या बाणिया,चूंडे लागी गाण
  • लीख (ढेरे) तैं ले कै किमैं सीख - इसकी टांट नै गंजी कर दे !
  • लङै बरोबर रोवे बाध

श, ष, स

  • शान्ति-हे शान्ति ! गधे चरांती - एक गधा लंगड़ा, वो-ए तेरा बंदड़ा !
  • शेरां के हाथ-मुंह किसनै धोए ..
  • शेर का भाई बघेरा - वो कूदै नौ, और वो कूदै तेराह !
  • शिकार के वक्‍त कुतिया हगाई फिरै (आग लगने पर कुंआ खोदना)
  • शराबी के दो ठिकाने - ठेके पै जावै या थाने
  • साझे का मारै काम और भादवे का मारै घाम
  • साझे की होळी नै कोए बी जळा ज्या
  • सूखा कसार खा-कै तै इसे-ए सपूत जामे जांगे
  • सूधी छिपकली घणे माछर खावै
  • सू-सू ना कहै, सुसरी कह दे ("Please be straightforward")
  • सौ दिन चोर के, एक दिन शाह का
  • सयाना कौआ गू खाया करे
  • साची कहना सुखी रहना, झूठ बोले खीचा खीचा फिरे

  • हाळी का पेट सुहाळी खा-कै ना भरै
  • हारे ओड़ कै दो लठ फालतू लाग्या करैं
  • हांडी का छो बरोली पै
  • हाँसी में हो-ज्या खाँसी
  • हँसी-हँसी में हसनगढ़ बस-ग्या
  • हाथ ना पल्ले, मियॉ मटकताऐ चाले
  • हाग्या जा ना पेट पीटे
  • हाथी-घोड़े बह-गे अर गधी बूझै पाणी कितना ?
  • हेजली के बाळक ना खिलाने चाहियें अर च्यातर का काम ना करना चाहिये

No comments:

Post a Comment