201. एक चुंडा , दो हेल , ब्याही बाणीये की गेल |
202. तेरी मुंडी उह के हाथ में , बंडावे तन्ने बात बात में !
203. नाम में भी जड़ , खान में भी जड़ , तावाला सा बता , ना इथों बाहर लिकड़!
204. लाल पहाड़ , काले डाकूआँ की लार , डाकू चुंड-चुंड खावें , आपने भाइयां ने भी बुलावें !
डाकू कुण ? पहाड़ कुण ?
205. मिंहा सी चीज , पाछा रहया पाट, इह बिना सरे नि, जा लत्ते जावीं पाट!
206. ना जात का भंगी, गाल में रहूँ तंग-सी , अडंगा करूँ साफ़ , नकोदर का वास !
207. कांच का महल, कचनार की गली , रस का प्याला, मिश्री की डली, बताओ के ?
208. मुंदु सूं, पर ताला नही , मोघे सें, पर जाला नहीं !
209. मुंह में सें अस्सी दांद, काट- काट के ला दे कांध !
210. आड़ा पोया बांगा पोया, पोया कस्स- कस्स, कह ते तावला बता दे, ना तेरी इब्ब खेर नहीं बस !
211. दौल्ड़े का बड्डा भाई, पैरआं में करी खीन्चाई !
212. एक टांग का सन्यासी, जोहड़ काट्ठे का वासी !
213. लाल पारी , हरी चोट्टी , भेंट चढ़ी , कुण्डी सोट्टी!
214. नाक की शोभा, जानू स चोभा !
215. तू झूठ ना बोल, उस्सा-ए बातावे , जिस्सा तेरे सामी डोल!
216. बाबू पेट में, बेटा बरात में !
217. चाम की जेवड़ी , हाड दिए बाल (जला ), क : ते बता , ना हाडे तें चाल!
218. काली बेल , लाल फूल , बाजें घुंघरू , बिचाले झूल !
219. खाट मेरी माँ , मुड़ढ़ा मेरा भाई , मन्ने गेल्याँ ले ज्यां , जब गीत गावें लुगाई !
220. मेरे डांगर रहे लाग, भूखा रहणा मेरे भाग !
221. रात की उड़ार, पटबीजना कोणी , रात का शिकार , उल्लू कोणी !
222. ना तन, ना मन, कुड़ते पहरूं हजार , ना किम्मे भीतर , ना किम्मे बाहर !
223. घास हूँ, रूंख नहीं , मिटती मेरी भूख नहीं , ना जड़, ना पाते , पीला मेरा रंग बताते!
224. बिन खुसबू का फूल, पत्नी, पति तें मांगे , पर बालाँ में ना टाँगे !
225. आज तें आगला , डाकिये का काम ला, जोड़ कें नाम बता !
226. दो आँख , दो जीभ , कान कोणी, बड़ा अजीब!
227. घूम घूम कें वो आवे, छप्पर -जोट्टे ठा ले जावे!
228. ना ते वा स खाट, चार्यां की करे बात , बाह्रन्ने में खड़ी, सर के उप्पर भी, अर पायां में पड़ी!
229. दादा बेठे -दादी बेठे, बेठें पोता-पोती , भाहरने की दोनु ओड़, ये दोनु जोती !
230. आर जावे पार जावे, जावे कर्र-कर्र , रूंढ़ा खींचे खूंढ़ा खींचे, दो टूक कर !
231. ना यु पासंग, ना यु बाट, इह के बिना तौल, कोणी साच !
232. अंगा चलूँ ,बंगा चालूँ चालूँ रंग बिरंग , आज्या भाई ,आज्या बेबे, पढले मेरे संग !
233. बे पेंदे का लोटा, ना पाणी का टोटा , 234. जब कान ने दे दाब, उह के मुंह में के आवे आब!
235. काँधे लद्दी जावे, काँधे लद्दी आवे , गेल्याँ तेरे , खेत कमावे !
236. काली स मेरी घेटी, पायां तेल लपेटी , अँधेरे आवे मेरा यार, चंदना दे पसार , बताओ वा कुण अर यार कुण ?
237. काली सूं में काली सूं , काला मेरा गात , एक से मेरी टांग , आठ सें मेरे हाथ !
238. चिकनी जेवडी, सरपट भाजी जावे , ना हाथ पायां ने , अर ना पाँख हलावे!
239. जनम पे खावे, मौत पे खावे , खावे ठुस-ठुस , काम में कती फुस्स!
240. अगाऊ तें जात, पीछाऊ तें लड़ाई , दोनुआँ ने जोड़ कें, या पहेली बनाई !
241. ना तन ,ना मन, कुड़ते पहरूं सौ , चाहे तार के देखो, देखो गे तो ल्यिओ रो, बताओ के ?
242. पांच दांदयाँ की कांघी, बरते बलध के: ढाआँढी !
243. पहाड़ में जड़ , मैदान में ढाहली, खेत मेरे पत्ते , फसल दयूं निराली!
244. एक पल में आवे, एक पल में जावे , ठा के बागा दे , जा तू हाथ लावे!
245. रोऊँ एक-एक आंसूं, पर थारे घर ने चासूं !
246. यु रोज तेरे धोरे आवे , चाँद सा गोल दिखावे , खाण का कोणी , पर खाया जावे !
247. छोटा सा छोरा , टूलअम टूल , काँधे धोती , माथे फूल !
248. नाइ की ,मन भाई की , बात कहूँगी हेठी | इसकी सासू ,मेरी सासू दोनु सें माँ बेटी ||
249. दो सिपाही लड़दे जावें , केम के पत्ते झडदे जावें !
250. एक अच्मभा इस्सा देख्या , देख्या र लोगो केम तले, बीस बरस की पाड़ी चुन्घे, तीन बरस की मेंह्स तले !
251. कदे कहवें धूपिया , कदे कहवें रतोडा , चीज में एक सूं, अडोस पड़ोस जोड्या !
252. वो गाम कुन्सा स जिह में लड़की गोबर खाती हो |
253. इस्सी चिड़िया का नाँ बताओ ,जिह के सर पर पैर
254. ठोडपुर की छोरी , नाशिक में ब्याही, लोग देवें मरोड़ी , देखें सारी लुगाई !
255. लोहे का हाथी, ना पूंछ ना काठी , 256. माँ जाई का सन्देश, आया तागे का धर भेष !
257. ३ चीज जहान मे, ना धरती पर , ना आसमान मे!
258. तेरी बेहल्डी ने ऊंगु , तले बड जाणु ते चुन्घुं !
259. १० बज के १० मिनट पे , खड़ी होज्याँ मूंछ , के ते तावला बता दे, ना तू बावली बूच !
260. आग तें मुसीबत, पाछे तें धन , ताव्ले से बताओ, तीन अक्षर गिण !
261. आलू क ताप चढ़ावे, इससे फल का नाँ बताओ |
262. ना में "आडू ", ना में "राही" , मेरे नाम में , ये दोनु आई !
263. ना उह के लाग रे खुर, ना उह के लाग रे पाँ, फेर भी उहने तू खेताँ ले जा !
264. में नहान्ना सा , तू कोड बड़ा | मन्ने चुम्म्या , तू रो पड़्या |
265. तू भी खार्या, में भी खार्या , तू दिखावे दुःख , में दिखाऊं ताप , दोनुआँ बिना , जी नहीं सकते आप |
266. रंग मेरे तीन , ना डरे पाक , ना डरे चीन !
267. कड़ पे लोटा, पानी में लोट्या !
268. चढ़ावे मणिआर, ले जावे लणीहार |
269. वा नहीं स नार , पर अंडे दे हजार !
270. हाथ ने मसली , बल खाई जावे , बाही सेरुआं ने , आपना भाई बतावे!
271. गोसे की बेबे, भींत के चिपट रि !
272. गार्या तें बणी, भींत पे चन्णी , गेल मेरा भाई , दुशहरे के दिन , जोहड़ में जा बहाई |
273. गोल सूं में गोल सूं , गोबर की में झोल सूं , होली पे मेरा जाणा, गेल बडकला मरजाणा!
274. रोटी का भाई , दादी ने बणाया , मन्ने खाया !
275. जाती स ,पर जावे कोणी , खाती स ,पर खावे कोणी !
276. मेरे नाम में स ईंख , जा घेटी पे जा लागुं, मांगन दयूं ना जान की भीख!
277. वा उड़े के गुजरी, मन्ने कही, अक वा स गुजरी, पर सब गए नाट, बता या के हुई बात!
278. जले भी ,ब्ले भी, पर ना होवे राख , ना में बिजली , ना में ताख !
279. माटी तें बन्या, पर में ना घडा, दुआली की बाट में, कुम्हार क पड्या !
280. माटी की माँ, माटी का बेटा , माँ पेट भर खावे, भूखा रहवे बेटा !
281. माँ काली, बेटा गोरा , चीनी का भाई, ईंख का छोरा !
282. नाम तें -पायां में अड़ी, असल में सर पे धरी !
283. नाम तें दुश्मन , खावे ते खुशमन !
284. इह के नाम में , पखेरू का नाम , पर स यु चौपाया, साझला सारा गाम!
285. में जल में भी , में थल में भी , मछली का साथी, रोला करूँ दिन राती!
286. मुस्से की जात, कांड्या का गात !
287. काला सुं पर नाग नहीं, पक्षि सुं पर काग नहीं , मीठी बांनी बोलिए , आम के बागाँ टोह लिए !
288. चाम की गोझ, आग लावे रोज , लुहार कहवे लुहारी ने, तावली-तावली लोज !
289. छ : टांग का काला घोड़ा, मिंह तें पहलम अंडे ले दोडा !
290. धरती के मांह डुन्घी , धरती के उप्पर ऊंची लांबी , सांप का महल सूं में , बनावे एक कीड़ी आंधी !
291. कटोरी में कटोरी , कटोरी में पताशा , पताशे में बिंदी , दिखावे दुनिया का तमाशा !
292. सगाई की रीत, निशानी -ए प्रीत , अनामिका के संग , के ते बता दयो , ना होवो फेर तंग!
293. जींदे कमाया जावे , मौत पाछे भी बधें जावे !
294. मेरा नाम स तोता (पर्यायवाची ), में लागूं ते माणस रोता , एक स मेरी चोंच , मारूँ ते आवे खरोंच!
295. भीतर जहर भरी , आग ला मुंह में धरी !
296. जनमे जब , थे कोणी , सर पे सें , मुंह में कोणी !
297. में ते डिब्बी में सोई थी , च्यूंटी ने पकड़ी थी , नाक में गोई थी !
298. में एक पखेरू, ना कोए बला , मेरी घेटी में , स एक छल्ला!
299. एक अजूबा ईसा देख्या , आगे तें बणाया भगवान् ने , पाछे तें बणाया इंसान ने !
300. बंदड़ी की गेल आया, भाई नहीं ,और कोए बताया, घरां आ के गाल में बैंडवाया !
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