Wednesday 22 May 2013

हरयाणवी पहेलिया-3


201. एक चुंडा , दो हेल , ब्याही बाणीये की गेल |

202. तेरी मुंडी उह के हाथ में , बंडावे तन्ने बात बात में  !

203. नाम में भी जड़ , खान में भी जड़ , तावाला सा बता , ना इथों बाहर लिकड़!

204. लाल पहाड़ , काले डाकूआँ की लार , डाकू चुंड-चुंड खावें , आपने भाइयां ने भी बुलावें !
डाकू कुण ? पहाड़ कुण ?


205. मिंहा सी चीज , पाछा रहया पाट, इह बिना सरे नि, जा लत्ते जावीं पाट!

206. ना जात का भंगी, गाल में रहूँ तंग-सी , अडंगा करूँ साफ़ , नकोदर का वास  !

207. कांच का महल, कचनार की गली , रस का प्याला, मिश्री की डली, बताओ के ?

208. मुंदु सूं, पर ताला नही , मोघे सें, पर जाला नहीं  !

209. मुंह में सें अस्सी दांद, काट- काट के ला दे कांध  !

210. आड़ा पोया बांगा पोया, पोया कस्स- कस्स, कह ते तावला बता दे, ना तेरी इब्ब खेर नहीं बस !

211. दौल्ड़े का बड्डा भाई, पैरआं में करी खीन्चाई  !

212. एक टांग का सन्यासी, जोहड़ काट्ठे का वासी  !

213. लाल पारी , हरी चोट्टी , भेंट चढ़ी , कुण्डी सोट्टी!

214. नाक की शोभा, जानू स चोभा  !

215. तू झूठ ना बोल, उस्सा-ए बातावे , जिस्सा तेरे सामी डोल!

216. बाबू पेट में, बेटा बरात में !
217. चाम की जेवड़ी , हाड दिए बाल (जला ), क : ते बता , ना हाडे तें चाल!

218. काली बेल , लाल फूल , बाजें घुंघरू , बिचाले झूल !

219. खाट मेरी माँ , मुड़ढ़ा मेरा भाई , मन्ने गेल्याँ ले ज्यां , जब गीत गावें लुगाई !

220. मेरे डांगर रहे लाग, भूखा रहणा मेरे भाग  !

221. रात की उड़ार, पटबीजना कोणी , रात का शिकार , उल्लू कोणी  !

222. ना तन, ना मन, कुड़ते पहरूं हजार , ना किम्मे भीतर , ना किम्मे बाहर  !

223. घास हूँ, रूंख नहीं , मिटती मेरी भूख नहीं , ना जड़, ना पाते , पीला मेरा रंग बताते!

224. बिन खुसबू का फूल, पत्नी, पति तें मांगे , पर बालाँ में ना टाँगे !

225. आज तें आगला , डाकिये का काम ला, जोड़ कें नाम बता  !

226. दो आँख , दो जीभ , कान कोणी, बड़ा अजीब!

227. घूम घूम कें वो आवे, छप्पर -जोट्टे ठा ले जावे!

228. ना ते वा स खाट, चार्यां की करे बात , बाह्रन्ने में खड़ी, सर के उप्पर भी, अर पायां में पड़ी!

229. दादा बेठे -दादी बेठे, बेठें पोता-पोती , भाहरने की दोनु ओड़, ये दोनु जोती !

230. आर जावे पार जावे, जावे कर्र-कर्र , रूंढ़ा खींचे खूंढ़ा खींचे, दो टूक कर  !

231. ना यु पासंग, ना यु बाट, इह के बिना तौल, कोणी साच  !

232. अंगा चलूँ ,बंगा चालूँ चालूँ रंग बिरंग , आज्या भाई ,आज्या बेबे, पढले मेरे संग  !

233. बे पेंदे का लोटा, ना पाणी का टोटा , 234. जब कान ने दे दाब, उह के मुंह में के आवे आब!

235. काँधे लद्दी जावे, काँधे लद्दी आवे , गेल्याँ तेरे , खेत कमावे !

236. काली स मेरी घेटी, पायां तेल लपेटी , अँधेरे आवे मेरा यार, चंदना दे पसार , बताओ वा कुण अर यार कुण ?

237. काली सूं में काली सूं , काला मेरा गात , एक से मेरी टांग , आठ सें मेरे हाथ !

238. चिकनी जेवडी, सरपट भाजी जावे , ना हाथ पायां ने , अर ना पाँख हलावे!

239. जनम पे खावे, मौत पे खावे , खावे ठुस-ठुस , काम में कती फुस्स!

240. अगाऊ तें जात, पीछाऊ तें लड़ाई , दोनुआँ ने जोड़ कें, या पहेली बनाई  !

241. ना तन ,ना मन, कुड़ते पहरूं सौ , चाहे तार के देखो, देखो गे तो ल्यिओ रो, बताओ के ?

242. पांच दांदयाँ की कांघी, बरते बलध के: ढाआँढी  !

243. पहाड़ में जड़ , मैदान में ढाहली, खेत मेरे पत्ते , फसल दयूं निराली!

244. एक पल में आवे, एक पल में जावे , ठा के बागा दे , जा तू हाथ लावे!

245. रोऊँ एक-एक आंसूं, पर थारे घर ने चासूं  !

246. यु रोज तेरे धोरे आवे , चाँद सा गोल दिखावे , खाण का कोणी , पर खाया जावे  !

247. छोटा सा छोरा , टूलअम टूल , काँधे धोती , माथे फूल  !

248. नाइ की ,मन भाई की , बात कहूँगी हेठी | इसकी सासू ,मेरी सासू दोनु सें माँ बेटी ||

249. दो सिपाही लड़दे जावें , केम के पत्ते झडदे जावें  !

250. एक अच्मभा इस्सा देख्या , देख्या र लोगो केम तले, बीस बरस की पाड़ी चुन्घे, तीन बरस की मेंह्स तले !

251. कदे कहवें धूपिया , कदे कहवें रतोडा , चीज में एक सूं, अडोस पड़ोस जोड्या !

252. वो गाम कुन्सा स जिह में लड़की गोबर खाती हो |

253. इस्सी चिड़िया का नाँ बताओ ,जिह के सर पर पैर

254. ठोडपुर की छोरी , नाशिक में ब्याही, लोग देवें मरोड़ी , देखें सारी लुगाई !

255. लोहे का हाथी, ना पूंछ ना काठी , 256. माँ जाई का सन्देश, आया तागे का धर भेष  !

257. ३ चीज जहान मे, ना धरती पर , ना आसमान मे!

258. तेरी बेहल्डी ने ऊंगु , तले बड जाणु ते चुन्घुं  !

259. १० बज के १० मिनट पे , खड़ी होज्याँ मूंछ , के ते तावला बता दे, ना तू बावली बूच  !

260. आग तें मुसीबत, पाछे तें धन , ताव्ले से बताओ, तीन अक्षर गिण !

261. आलू क ताप चढ़ावे, इससे फल का नाँ बताओ |

262. ना में "आडू ", ना में "राही" , मेरे नाम में , ये दोनु आई !

263. ना उह के लाग रे खुर, ना उह के लाग रे पाँ, फेर भी उहने तू खेताँ ले जा !

264. में नहान्ना सा , तू कोड बड़ा | मन्ने चुम्म्या , तू रो पड़्या |

265. तू भी खार्या, में भी खार्या , तू दिखावे दुःख , में दिखाऊं ताप , दोनुआँ बिना , जी नहीं सकते आप |

266. रंग मेरे तीन , ना डरे पाक , ना डरे चीन  !

267. कड़ पे लोटा, पानी में लोट्या  !

268. चढ़ावे मणिआर, ले जावे लणीहार |

269. वा नहीं स नार , पर अंडे दे हजार  !

270. हाथ ने मसली , बल खाई जावे , बाही सेरुआं ने , आपना भाई बतावे!

271. गोसे की बेबे, भींत के चिपट रि  !

272. गार्या तें बणी, भींत पे चन्णी , गेल मेरा भाई , दुशहरे के दिन , जोहड़ में जा बहाई |

273. गोल सूं में गोल सूं , गोबर की में झोल सूं , होली पे मेरा जाणा, गेल बडकला मरजाणा!

274. रोटी का भाई , दादी ने बणाया , मन्ने खाया  !

275. जाती स ,पर जावे कोणी , खाती स ,पर खावे कोणी  !

276. मेरे नाम में स ईंख , जा घेटी पे जा लागुं, मांगन दयूं ना जान की भीख!

277. वा उड़े के गुजरी, मन्ने कही, अक वा स गुजरी, पर सब गए नाट, बता या के हुई बात!

278. जले भी ,ब्ले भी, पर ना होवे राख , ना में बिजली , ना में ताख  !

279. माटी तें बन्या, पर में ना घडा, दुआली की बाट में, कुम्हार क पड्या !

280. माटी की माँ, माटी का बेटा , माँ पेट भर खावे, भूखा रहवे बेटा  !

281. माँ काली, बेटा गोरा , चीनी का भाई, ईंख का छोरा !

282. नाम तें -पायां में अड़ी, असल में सर पे धरी  !

283. नाम तें दुश्मन , खावे ते खुशमन !

284. इह के नाम में , पखेरू का नाम , पर स यु चौपाया, साझला सारा गाम!

285. में जल में भी , में थल में भी , मछली का साथी, रोला करूँ दिन राती!

286. मुस्से की जात, कांड्या का गात !

287. काला सुं पर नाग नहीं, पक्षि सुं पर काग नहीं , मीठी बांनी बोलिए , आम के बागाँ टोह लिए !

288. चाम की गोझ, आग लावे रोज , लुहार कहवे लुहारी ने, तावली-तावली लोज  !

289. छ : टांग का काला घोड़ा, मिंह तें पहलम अंडे ले दोडा !

290. धरती के मांह डुन्घी , धरती के उप्पर ऊंची लांबी , सांप का महल सूं में , बनावे एक कीड़ी आंधी !

291. कटोरी में कटोरी , कटोरी में पताशा , पताशे में बिंदी , दिखावे दुनिया का तमाशा !

292. सगाई की रीत, निशानी -ए प्रीत , अनामिका के संग , के ते बता दयो , ना होवो फेर तंग!

293. जींदे कमाया जावे , मौत पाछे भी बधें जावे  !

294. मेरा नाम स तोता (पर्यायवाची ), में लागूं ते माणस रोता , एक स मेरी चोंच , मारूँ ते आवे खरोंच!

295. भीतर जहर भरी , आग ला मुंह में धरी  !

296. जनमे जब , थे कोणी , सर पे सें , मुंह में कोणी  !

297. में ते डिब्बी में सोई थी , च्यूंटी ने पकड़ी थी , नाक में गोई थी  !

298. में एक पखेरू, ना कोए बला , मेरी घेटी में , स एक छल्ला!

299. एक अजूबा ईसा देख्या , आगे तें बणाया भगवान् ने , पाछे तें बणाया इंसान ने  !

300. बंदड़ी की गेल आया, भाई नहीं ,और कोए बताया, घरां आ के गाल में बैंडवाया !

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